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विलयन (solution)

 

विलयन (solution)


विलयन

    दो या दो से अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण बिलियन कहलाता है .निंबू जल, सोडा जल, आदि इसके उदाहरण है. प्राय: विलियन को ऐसे तरल पदार्थ के रूप में माना जाता है. जिसमें ठोस द्रव या गैस मिला हो पर ठोस विलियन मिश्र धातु और गैसिय विलियन वायु भी होती है. एक विलियन के कणों में समांगिता होती है. निंबू जल का स्वाद सदा एक समान रहता है. यह प्रकट करता है कि विलियन में चीनी और नमक समान रूप से बंटे होते हैं. बिलियन में विलायक और विलय होते है. बिलियन में जिस की मात्रा अधिक होती है. उसे विलायक कहते हैं. जिसकी मात्रा कम होती है. उसे विलय कहते हैं. चीनी और जल के घोल में चीनी विलये हैं. और जल विलायक है टिक्चरआयोडीन,कोक,वायु आदि विलयन हैं.

विलयन के गुण (Merits of a solution)

  • 1.यह एक समांगी मिश्रण है
  • 2.इसके कण 1nm(10-10m) से भी छोटे होते हैं.
  • 3.इसके कणों को नंगी आंखों से देखा नहीं जा सकता
  • 4.ये टिंडल प्रभाव नहीं दिखाते
  • 5. इसके कण नीचे नहीं बैठते

    वास्तविक विलियन

    वह विलियन जिसमें विलये के कणों का आकार 10-10cm.तक होता है इसमें विलये के कणों विलायक के अंगों के मध्य स्थानों में लुप्त हो जाते हैं. ऐसा विलियन समांगी मिश्रण होता है इसमें परिक्षेपण कण तथा विलायक कणो को परिक्षेपण कहते हैं. उदाहरण जैसे-नमक तथा चीनी के जलीय विलये

    विशेषताएं

  • 1.वास्तविक विलियन साफ और पारदर्शी होता है
  • 2.यह समांगी मिश्रण होता है
  • 3.इसके कणों का आकार 10-8cm.तक होता है
  • 4.यह प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं करते
  • 5.इन्हें छान कर अलग नहीं किया जा सकता

    कोलाइडी विलयन क्या है

    कोलाइडी एक विलियन है जिसमें विलये के पदार्थ के कणों का आकार 10-7cm.और 10-5cm.के बीच होता है अर्थार्थ पदार्थ विलियन और निलंबन के बीच होता है यदि एक परखनली में पानी में शाही या दूध की एक दो बूंद डाले तो पानी का रंग बदल जाएगा वह विलियन कोलाइडी विलियन है कोलाइडी विलियन को सॉल कहते हैं. रक्त,टूथपेस्ट,साबुन का घोल,जेम,कोहरा आदि कोलाइडी विलियन के उदाहरण है

    विशेषताएं

  • 1.कोलाइडी विलियन समांगी प्रतीत होते हैं. पर वास्तव में वे विषमांगी होते हैं. .
  • 2.कोलाइडी कणों को फिल्टर पेपर से छान कर अलग नहीं किया जा सकता.
  • 3.कोलाइडी कण स्थिर अवस्था में रखे जाने पर भी तेल पर नीचे नहीं बैठते.
  • 4. कोलाइडी कण ब्राउनी गति प्रकट करते हैं. .
  • 5.कोलाइडी विलियन टिंडल प्रभाव दिखाते हैं. .
  • 6.कोलाइडी कणों पर ऋण या धन आवेश होता है जिस कारण विद्युत संचालन प्रकट करते हैं.
  • 7.कोलाइडी कणों का आकार 10-9cm.से 10-7cm.के बीच होता है.

    संतृप्त विलयन तथा असंतृप्त विलियन

    संतृप्त विलयन : किसी विशेष ताप पर किसी विलियन में जब और अधिक विलियन न घूल सके तो वह विलेन संतृप्त विलयन कहलाता है.

    असंतृप्त विलियन :ऐसा घोल जिसमें किसी निश्चित ताप पर विलये कि मात्रा और अधिकतम मात्रा में कम होती है तो उस ताप पर उसके द्वारा घोली जा सकती है.

    जलीय विलियन तथाअजलीय विलियन क्या है

    जलीय विलियन: विभिन्न पदार्थों के जल में घोलकर बनाए गए विलियनो को जलीय विलयन कहते हैं. जलीय विलियन में विलायक जल होता है उदाहरण-नमक का जल में बिलियन, कॉपर सल्फेट का जल में विलियन

    अजलीय विलियन : कुछ पदार्थ जल में नहीं घुलते परंतु कार्बनिक द्रव्य में घुलकर बिलियन बनाते हैं. ऐसे बिलियन को जलीय विलयन कहते हैं. इसमें विलायक प्राय:एल्कोहल,एसीटोन,टेट्रोक्लोराइड कार्बन सल्फाइड तथा बेंजीन आदि होते है उदाहरण-एल्कोहल में आयोडीन का घोल,नेफ्थालिन का बेंजीन मे घोल

  •  



  • परमाणु संरचना (Atomic structure)
  • गैसों के नियम (Gases law)
  • तत्वों का आवर्त वर्गीकरण (Periodic classification of elements)
  • रासायनिक बंधन (Chemical bond)
  • ऑक्सीकरण एवं अवकरण (Oxidation and degradation)
  • अम्लक्षार एवं लवण (Acids, Bases and Salts)
  • विलयन (solution)
  • कार्बन तथा उसके यौगिक (Carbon and its compounds)
  • ईंधन के प्रकार (Types of fuel)
  • उत्प्रेरक क्या है? what is Catalyst ?
  • धातु और गैर धातु क्या है ? what is Metals and non metals
  • मानव निर्मित पदार्थ ? Man made material ?
  • रसायन विज्ञान की महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर  (Important Chemistry Questions)
  • अन्य जानकारी

    Comments

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      ऑक्सीकरण एवं अवकरण (Oxidation and degradation) ऑक्सीकरण ( Oxidation)-  ऑक्सीकरण वह रासायनिक प्रक्रिया है, जिसके फलस्वरूप किसी तत्व या यौगिक में विद्युत् ऋणात्मक परमाणुओं या मूलकों का अनुपात बढ़ जाता है अथवा किसी यौगिक में विद्युत् धनात्मक परमाणुओं या मूलकों का अनुपात कम हो जाता है। उदाहरण- 2Mg + O 2  → 2MgO C + O 2  → CO 2 2H 2  + O 2  → 2H 2 O Cu + Cl 2  → CuCl 2 , H 2  + I 2  → 2HI 2FeCl 2  + Cl 2  → 2FeCl 3 अवकरण ( Reduction):  अवकरण वह रासायनिक प्रक्रिया है, जिसके फलस्वरूप किसी तत्व या यौगिक में विद्युत् धनात्मक परमाणुओं या मूलकों का अनुपात बढ़ जाता है अथवा किसी यौगिक में विद्युत् ऋणात्मक परमाणुओं या मूलकों का अनुपात कम हो जाता है। उदाहरण- Cl 2  + H 2 S → 2HCl + S 2FeCl 3  + 2 FeCl 2  + 2HCl आयनिक सिद्धान्त के आधार पर ऑक्सीकरण एवं अवकरण की परिभाषा ऑक्सीकरण ( Oxidation):   ऑक्सीकरण वह प्रक्रिया है, जिसके फलस्वरूप किसी आयन पर धन आवेश बढ़ जाता है या ऋण आवेश कम हो जाता है। उदाहरण- फेरस क्लोराइड (FeCl 2 ) स...

    रासायनिक बंधन क्या होता है ? यहाँ जाने | what is Chemical bond ? Know here

      रासायनिक बंधन (Chemical bond) किसी अणु में परमाणुओं को बांधकर एक साथ रखने वाले बल को रासायनिक बंधन (Chemical bonding) कहते हैं जैसे हाइड्रोजन के दो परमाणु ऑक्सीजन की एक परमाणु के साथ रासायनिक बंध द्वारा जुड़कर जल का निर्माण करता है। रसायनिक बंधन की व्याख्या 1916 में Walther Kossel और Gilbert N. Lewis के द्वारा किया गया। Chemical Bond तीन प्रकार के होते होते हैं 1. विद्युत संयोजक बंध (Electrovalent bond) दो परमाणुओं के मध्य इलेक्ट्रॉन की स्थांतरण से बने बंध को electrovalent bond कहते हैं। यह विद्युत संयोजक बंधन और ऋण आवेश से बने होते हैं, द्रवणांक और क्वथनांक उच्च होता है, विद्युत आकर्षण बल से जुड़े होते हैं, ठोस अवस्था में विद्युत का कुचालक होते हैं विद्युत संयोजक बंध दिशाहीन होते हैं, जल में घुलनशील होते हैं, परंतु कार्बनिक घोल में अघुलनशील होते हैं तथा बहुत ही तेजी से रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेते हैं। 2. सहसंयोजक बंध ( Covalent bond ) ऐसा रसायनिक बंधन जिनका निर्माण दो परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉन के साझेदारी के कारण होता है उन्हें co-valent bond कहते हैं। जब दो परमाणुओं के बीच...

    मानव निर्मित पदार्थ ? Man made material ?

      मानव निर्मित पदार्थ ? Man made material ? साबुन उच्च वसीय अम्लों के सोडियम और पोटेशियम लवण है. साबुनीकरण के द्वारा बनते हैं. उदाहरण- सोडियम पालीमटेट, सोडियम स्टीएरेट, आदि. अपमार्जक लंबी श्रंखला वाले एलिक्ल या एरिल स्ल्फेनेटों या सल्फेट के सोडियम तथा पोटेशियम लवण होते हैं. उदाहरण- सोडियम एलिक्ल स्ल्फोनेट,सोडियम एलिक्ल बेंजीन, स्ल्फोनेट, आदि. धनायनिक अपमार्जक का प्रयोग कपड़ो को मुलायम रखने के लिए तथा जर्मनाशी के रूप में किया जाता है, जबकि अनायनिक अपमार्जक द्रव डिश वॉशिंग में प्रयोग में लाए जाते हैं. अपमार्जक, कठोर जल के साथ भी झाग उत्पन्न करते हैं. औषधियां निश्चेतक इसका प्रयोग मुख्यतः संवेदना को कम करने के लिए किया जाता है. इस का सर्वप्रथम प्रयोग को वर्ष 1946 में डाई एथिल ईथर के रूप में किया गया. 1847 ईसवी में जेम्स सिंपसन द्वारा निश्चेतक के रूप में क्लोरोफार्म का प्रयोग किया गया. प्रमुख निश्चेतक क्लोरो प्रोपेन, कोकीन, हेलोथैंन, डाई एथिल ईथर. एंटी सेप्टिक यह सूक्ष्म जीवाणुओं को मारने व उनकी वृद्धि रोकने में सहायक होती है. प्रमुख एंटीसिपेट्रीक आयोडीन, फिनोल. एंटीपायरटिक्स इनका प्रयो...