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अम्ल, क्षार एवं लवण (Acids, Bases and Salts)

 

अम्ल, क्षार एवं लवण (Acids, Bases and Salts)


किसी भी भोजन का अच्छा स्वाद हमारे जिंदगी को भी स्वादिष्ट बना देता है। सभी प्रकार के भोजन में कोई न कोई taste अवश्य होता है। ये स्वाद या तो खट्टे, मीठे या नमकीन होते हैं। भोजन में खट्टेपन का स्वाद उसमें Acid की उपस्थिति के कारण होता है, जबकि भोजन का नमकीन स्वाद उसमें उपस्थित Salt के कारण होता है। Cold drinks का bitter स्वाद उसमें उपस्थित Base के कारण होता है।

अर्थात भोजन का तरह तरह का स्वाद उसमें acid, salt, या base की उपस्थिति के कारण होता है।

Acids (अम्ल)

Acids का स्वाद खट्टा (sour) होता है। इसी कारण भोजन या फल का स्वाद खट्टा होने का कारण उसमें acids की मौजूदगी के कारण होता है।

Example (उदाहरण):

Lemon (नींबु), curd (दही), tamarind (ईमली), unripe fruits (कच्चे फल) आदि कुछ सामान्य भोज्य पदार्थ हैं, जो प्राय: रोज घरों में उपयोग किये जाते हैं। इन सभी का स्वाद खट्टा होता है क्योंकि इन सभी में acid (अम्ल) पाये जाते हैं।

रासायनिक पदार्थ जिन्हें उनके खट्टे स्वाद के कारण पहचाना जा सकता है, अम्ल (ACID) कहलाते हैं।

Types of Acids: (अम्ल के प्रकार)

श्रोत के आधार पर Acid को दो ग्रुप में बांटा जा सकता है: Natural acid तथा Mineral acid

Natural Acid or Organic Acid:

Acids जिन्हें प्राकृतिक श्रोत, जैसे: plants, animal आदि से प्राप्त किया जाता है, को Natural acids कहते हैं। Natural acids को Organic Acids भी कहते हैं। जैसे: Citric acid, acetic acid, lactic acid, tartaric acid, oxalic acid, formic acid, इत्यादि।

कुछ प्राकृतिक अम्ल के श्रोत (Sources of some Natural Acids)

Citric acid (साइट्रिक एसिड): lemon, orange, तथा प्राय: सभी खट्टे फलों में पाया जाता है।

Acetic acid (Ethanoic acid) (एसेटिक एसिड): Vinegar में पाया जाता है।

Tartaric acid (टारटेरिक एसिड): Tamarind (ईमली) में पाया जाता है।

Oxalic acid (ऑक्जेलिक एसिड): Tomato (टमाटर) में पाया जाता है।

Lactic acid (लैक्टिक एसिड): दूध, दही आदि में पाया जाता है।

Formic acid (फ़ॉर्मिक एसिड): चींटियों के डंक, Nettle नामक पौधों के रोएं या काँटों (Nettle sting) में पाया जाता है।

Ascorbic acid (एसक़ॉर्बिक एसिड): अमरूद, आँवला आदि में पाया जाता है।

Mineral Acids or Synthetic Acids

अम्ल (Acid) जिन्हें खनिजों (minerals) से तैयार किया जाता है को Mineral Acid (खनिज अम्ल) या ऑरगेनिक अम्ल कहते हैं।

Example: Hydrochloric acid, Sulphuric acid तथा Nitric acid (नाइट्रिक एसिड) mineral acids के कुछ कॉमन उदाहरण हैं।

चूँकि mineral acids को प्रयोगशाला में तैयार किया जाता है इसलिये इन्हें man-made या synthetic acids या inorganic acid भी कहते हैं।

Strong and Weak Acids:

एसिड strong या weak हो सकते हैं।

Strong acids:

सभी mineral acids केवल carbonic acid को छोडकर, strong acid होते हैं। जैसे कि: sulphuric acid, hydrochloric acid, nitric acid, phosphoric acid इत्यादि।

Weak acids:

सभी organic acid अर्थात प्राकृतिक श्रोतों से प्राप्त एसिड weak acid होते हैं। जैसे कि: tartaric acid, oxalic acid, formic acid, acetic acid, इत्यादि।

सान्द्र तथा तनु अम्ल (Concentrated and Dilute Acid)

Concentrated Acid (सान्द्र अम्ल):

जलीय घोल, जिसमें अम्ल के घटक का आयतन maximum (सर्वाधिक) हो तथा और अम्ल नहीं घुल सके को सान्द्र अम्ल (Concentrated Acid) कहते हैं।

सान्द्रता (Concentration) की परिभाषा: घटक की मात्रा बटा (भागा) कुल मिश्रण का आयतन।

एसिड की सान्द्रता (Concentration) जलीय घोल में acid के घटक (Constituents) का आयतन घटने के साथ घटती है तथा acid के घटक (Constituents) का आयतन बढने के साथ घटती है।

तनु अम्ल (Dilute Acid):

जलीय घोल, जिसमें अम्ल के घटक का आयतन maximum (सर्वाधिक) नहीं हो तथा और अम्ल घुल सके को जलमिश्रत अम्ल (Concentrated Acid) कहते हैं।

Acid का dilution घोलक के आयतन बढने के साथ साथ बढती है तथा घोलक के आयतन घटने के साथ साथ घटती है।

एसिड को dilute कैसे करें ?

Acid को पानी मिलाकर dilute किया जाता है। Acid का dilution एक उष्माक्षेपी प्रक्रिया है।

सावधानी: Acid को dilute करने के लिए पानी में acid को धीरे धीरे मिलाया जाता है। कभी भी acid में पानी को नहीं मिलाया जाता है क्योंकि acid में पानी मिलाने के कारण काफी उष्मा निकलेगी तथा अम्ल उछलकर त्वचा पर पर सकता है, जो कि काफ़ी खतरनाक हो सकता है।

अम्ल के गुण (Properties of Acids):

  • Acid का स्वाद खट्टा होता है।
  • Acid ब्लू लिटमस पेपर को लाल कर देता है।
  • Acid का dilution एक उष्माक्षेपी प्रक्रिया है।
  • Acids का पानी का घोल बिजली का सुचालक होता है।
  • Acid मेटल से प्रतिक्रिया कर hydrogen gas बनाता है।
  • Acid क्षार से प्रतिक्रया कर salt बनाता है।

क्षार क्या है?

क्षार या भस्म (base) का स्वाद bitter होता है। क्षार या भस्म (base) को छूने से साबुन के जैसा महसूस होता है। क्षार या भस्म (base) लाल लिट्मस पत्र को ब्लू कर देता है।

उदाहरण: कॉस्टिक सोडा [Caustic soda (sodium hydroxide)], धोबिया सोडा [washing soda (sodium carbonate)], पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड (potassium hydroxide), बुझा हुआ चूना [slaked line (calcium hydroxide)], इत्यादि।

सभी मेटल ऑक्साइड, मेटल हाइड्रॉक्साइड तथा मेटल कार्बोनेट क्षार या भस्म (base) होते हैं।

क्षार या भस्म (base) के लगभग सभी रासायनिक गुण (Chemical properties) अम्ल (Acid) के विपरीत होते हैं। क्षार या भस्म (base) अम्ल (Acid) के साथ प्रतिक्रिया करता है तो दोनों एक दूसरे को उदासीन (neutralize) बना देते हैं तथा लवण (salt) एवं पानी (water) बनता है।

मेटल के ऑक्साइड (Oxides), हाइड्रोक्साइड (Hydroxides) तथा कार्बोनेट (Carbonate) क्षार या भस्म (base) होते हैं।

Example:

(1) कैल्सियम एक (Calcium) alkaline earth metal है, अतः कैल्सियम का ऑक्साइड अर्थात कैल्सियम ऑक्साइड [Calcium oxide (quick lime)] एवम इसका हाइड्रॉक्साइड (Hydroxide) एवम कार्बोनेट (Carbonate) अर्थात कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड [Calcium hydroxide(slaked lime)] तथा कैल्सियम कार्बोनेट [Calcium carbonate (lime stone)] क्षार या भस्म (base) हैं।

(2) Sodium एक alkali metal है अतः thus सोडियम ऑक्साइड (sodium oxide), सोडियम हाइड्रॉक्साइड (sodium hydroxide) तथा सोडियम कार्बोनेट (sodium carbonate) क्षार या भस्म (base) हैं।

Potassium, जो कि एक alkali metal है। अतः पोटैशियम ऑक्साइड (potassium oxide), पोटैशियम हाइड्रोक्साइड (potassium hydroxide) तथा पोटैशियम कार्बोनेट (potassium carbonate), आदि क्षार या भस्म (base) हैं।

क्षार या भस्म के प्रकार (Types of base):

पानी में घुलनशीलता के आधार पर क्षार या भस्म को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है।

(a) पानी में घुलनशील क्षार या भस्म: Alkalis.

(b) पानी में अघुलनशील क्षार या भस्म: base.

अधिकांश क्षार या भस्म पानी में अघुलनशील होते हैं।

अलकली (Alkalis)

क्षार या भस्म, जो पानी में घुलनशील हैं को अलकली (Alkali) कहा जाता है।

अलकली (Alkali) alkaline metals का एक basic ionic salt है। Lithium, sodium, potassium, आदि alkali metals कहलाते हैं, जैसे कि: Beryllium, magnesium, calcium इत्यादि। अतः इनके alkaline earth metals के हाइड्रोक्साइडों को अलकली कहते हैं।

उदाहरण: sodium hydroxide, calcium hydroxide, potassium hydroxide, lithium hydroxide, इत्यादि।

Ammonium hydroxide भी एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्षार या भस्म है। हालाँकि यह non-metal का एक हाइड्रोक्साइड है।

अमोनिया (Ammonia) non-metal का एक hydride (salt) है, परंतु यह एक क्षार या भस्म है।

चूँकि अधिकांश प्रतिक्रियाएँ जलीय अवस्था में होती हैं, अतः पानी में घुलनशील क्षार या भस्म अध्ययन की दृष्टिकोण से काफ़ी महत्वपूर्ण हैं।

क्षार या भस्म के सामान्य गुण (Properties of Base):

क्षार या भस्म का स्वाद तीखा (Bitter) होता है।

क्षार या भस्म का जलीय घोल छूने में साबुन की तरह होता है।

क्षार या भस्म लाल लिटमस पेपर को ब्लु करता है।

क्षार या भस्म Acid को प्रतिक्रिया के क्रम में उदासीन (Neutralise) बना देता है।

क्षार या भस्म में पानी को मिलाना एक उष्माक्षेपी प्रक्रिया (Exothermic process) है।

क्षार या भस्म Acid (अम्ल) के साथ प्रतिक्रिया कर लवण (Salt) तथा पानी बनाता है।

लवन (Salt)

लवण की परिभाषा : अम्ल एवं क्षार की प्रतिक्रिया के फलस्वरुप बने पदार्थ को लवन कहा जाता है।

लवन के उपयोग :

K2SO2.AL2(SO4)3.24H2O (फिटकरी या पोटास एलम) का उपयोग एंटीसेप्टिक के रूप में, रंगाई में, अशुद्ध जल को शुद्ध करने में किया जाता है।

CuSO4 का उपयोग कवकनाशी के रूप में, विद्युत लेपन, में रंगाई एवं छपाई में किया जाता है।

NaCl (साधारण नमक) का उपयोग भोजन में, क्लोरीन, HCL, धोवन सोडा, कास्टिक सोडा इत्यादि बनाने में किया जाता है।

NaHCO3 (खाने वाला सोडा) का उपयोग पेट की अम्लीयता को दूर कम करने एवं अग्निशामक यंत्रों में किया जाता है।

Na2CO3 (धोवन सोडा) का उपयोग कपड़ो की धुलाई तथा कांच बनाने में किया जाता है।

KNO3 का उपयोग बारूद बनाने में तथा उर्वरक के रूप में होता है।

pH मान | pH values :

किसी घोल में अम्ल तथा क्षरकता को व्यक्त करने के लिए 1909 में डेनिश रसायनशास्त्री सॉरेनसेन ने pH मान खोज किया।

अम्लीय विलयन का pH मान 7 से कम होता है तथा क्षारीय घोल का पीएच मान 7 से अधिक से अधिक होता है। सबसे कम पीएच मान S2SO4 (0) होता है। सबसे अधिक pH मान सोडियम हाइड्रोक्साइड (14) का होता है। pH मान 0 से 14 तक होता है। जल का pH मान 7 होता है जिसके कारण जल उदासीन होता है। जल की प्रवृत्ति उभयधर्मी होती है। सबसे शुद्ध जल वर्षा का जल (प्राकृतिक) तथा डिस्टिल वाटर (कृत्रिम) होता है। अम्लीय वर्षा में सल्फर डाइऑक्साइड (S2O) और NO2 होता है।

लिटमस पत्र

अम्ल एवं क्षार के विलियन को पहचानने के लिए लिटमस पत्र का उपयोग किया जाता है। लिटमस पत्र जो प्रयोगशाला में उपयोग होता है वह रॉसेला नामक लाइकेन से प्राप्त होता है। जहां अम्ल नीला लिटमस को लाल कर देता है वही क्षार लाल लिटमस को नीला कर देता है। अम्ल का स्वाद खट्टा होता है जबकि छार का स्वाद कड़वा होता है।

pH मान सूची :

  • जल का Ph मान = 7
  • दूध का ph मान = 6.4
  • सिरके का ph मान = 3
  • मानव रक्त का ph मान =7.4
  • नीबू का ph मान = 2.4
  • NaCl का ph मान = 7
  • शराब का ph मान = 2.8
  • मानव मूत्र का ph मान = 4.8-8.4
  • समुद्री जल का ph मान =8.5
  • आंसू का ph मान =7.4
  • मानव लार का ph मान =6.5-7.5

    अन्य एसिडिक सूची

  • HCL का PH मान = 0
  • H2SO4 का PH मान = 1.0
  • सेब, सोडा का pH मान(pH Value) =3.0
  • अचार का pH मान(pH Value) =3.5-3.9
  • टमाटर का pH मान(pH Value) =4.5
  • केले का pH मान(pH Value) =4.5-5.2
  • एसिड वर्षा का pH मान(pH Value) =5.0 के आसपास
  • रोटी का pH मान(pH Value) =5.3-5.8
  • लाल मांस का pH मान(pH Value) =5.4 से 6.2
  • चारेदार पनीर का pH मान(pH Value) =5.9
  • मक्खन का pH मान(pH Value) =6.1 से 6.4
  • मछली का pH मान(pH Value) =6.6 से 6.8

    अन्य क्षारकता सूची:

  • शैम्पू का pH मान(pH Value) = 7.0 से 10
  • बेकिंग सोडा (सोडियम बाइकार्बोनेट) का pH मान(pH Value) = 8.3
  • टूथपेस्ट का pH मान(pH Value) = लगभग 9
  • मैग्नेशिया के दूध का pH मान(pH Value) =10.5
  • अमोनिया का pH मान(pH Value) =11.0
  • हेयर स्ट्रोकिंग केमिकल्स का pH मान(pH Value) =11.5 से 14
  • लाइम (कैल्शियम हाइड्रोक्साइड) का pH मान(pH Value) =12.4
  • लाइ का pH मान(pH Value) =13.0
  • सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) का pH मान(pH Value) =14.0


  • परमाणु संरचना (Atomic structure)
  • गैसों के नियम (Gases law)
  • तत्वों का आवर्त वर्गीकरण (Periodic classification of elements)
  • रासायनिक बंधन (Chemical bond)
  • ऑक्सीकरण एवं अवकरण (Oxidation and degradation)
  • अम्लक्षार एवं लवण (Acids, Bases and Salts)
  • विलयन (solution)
  • कार्बन तथा उसके यौगिक (Carbon and its compounds)
  • ईंधन के प्रकार (Types of fuel)
  • उत्प्रेरक क्या है? what is Catalyst ?
  • धातु और गैर धातु क्या है ? what is Metals and non metals
  • मानव निर्मित पदार्थ ? Man made material ?
  • रसायन विज्ञान की महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर  (Important Chemistry Questions)
  • अन्य जानकारी

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    धातु और गैर धातु क्या है ? what is Metals and non metals? धातु सायनशास्त्र के अनुसार धातु (metals) वे तत्व हैं जो सरलता से इलेक्ट्रान त्याग कर धनायन बनाते हैं और धातुओं के परमाणुओं के साथ धात्विक बंध बनाते हैं। इलेक्ट्रानिक मॉडल के आधार पर, धातु इलेक्ट्रानों द्वारा आच्छादित धनायनों का एक लैटिस हैं। धातुओं की पारम्परिक परिभाषा उनके बाह्य गुणों के आधार पर दी जाती है। सामान्यतः धातु चमकीले, प्रत्यास्थ, आघातवर्धनीय और सुगढ होते हैं। धातु उष्मा और विद्युत के अच्छे चालक होते हैं जबकि अधातु सामान्यतः भंगुर, चमकहीन और विद्युत तथा ऊष्मा के कुचालक होते हैं। रासायनिक तत्वों को सर्वप्रथम धातुओं और अधातुओं में विभाजित किया गया, यद्यपि दोनों समूहों को बिल्कुल पृथक्‌ नहीं किया जा सकता था। धातु की परिभाषा करना कठिन कार्य है। मोटे रूप से हम कह सकते हैं कि यदि किसी तत्व में निम्नलिखित संपूर्ण या कुछ गुण हों तो उसे धातु कहेंगे : चमक, परांधता, साधारण ताप पर ठोस, स्वच्छ सतह द्वारा प्रकाश के परावर्तन (Reflection) का गुण, ऊष्मा एवं विद्युत्‌ की उत्तम चालकता, एवं द्रव अवस्था से ठंण्डा करने पर क्रिस्टल रूप में

    गैसों के नियम (Gases law)

      गैसों के नियम (Gases law)      गैसों के नियम , आदर्श गैस का नियम : अलग अलग वैज्ञानिकों ने अलग अलग प्रयोग किये और अपने प्रयोगों के आधार पर गैसों के लिए अलग अलग नियम दिए और ये नियम गैस के लिए अलग अलग राशि पर आधारित है अर्थात कुछ नियम गैस के लिए दाब से सम्बंधित है , कुछ नियम गैस के लिए आयतन और कुछ ताप से सम्बन्धित है। एवोगेड्रो का नियम इस नियम में बताया गया कि सभी आदर्श गैस समान ताप एवं दाब पर सभी गैसों के समान आयतन में अणुओं की संख्या समान होती है. इस नियम को 1811 में इटालियन रसायन वैज्ञानिक Amedeo Avogadro ने बताया था. बॉयल का नियम स्थिर ताप किसी भी गैस की निश्चित मात्रा का आयतन उसके दाब के व्युँताक्र्मानुपाती होता है. स्थिर ताप पर गैस का दाब बढ़ाने पर आयतन घटता है और दाब घटाने पर आयतन बढ़ता है. इस नियम को R. Boyle ने 1662 में बताया था और इसके बाद में 1676 में E. Mariotte ने भी इसके बारे में जिक्र किया चार्ल्स का नियम स्थिर ताप पर किसी भी गैस के निश्चित मात्रा का आयतन उसके परमताप के अनुक्रमानुपाती होता है. (परमताप T= 273० +t०C ). स्थिर ताप पर यदि गैस का ताप बढ़ाया जाए तो उसका आयतन बढ़

    परमाणु संरचना (Atomic structure)

      परमाणु संरचना (Atomic structure)      परमाणु, तत्व का वह सबसे छोटा कण है, जो किसी रासायनिक क्रिया में भाग ले सकता है लेकिन स्वतंत्र रूप से नहीं रह सकता है | द्रव, ठोस व गैस सभी पदार्थों का निर्माण परमाणुओं (Atoms) से ही होता है | परमाणु आपस में मिलकर अणुओं (Molecules) का निर्माण करते हैं | तत्व या यौगिक का वह सबसे छोटा कण है, जो स्वतंत्र अवस्था में रह सकता है अणु कहलाता है | परमाणु, तत्व का वह सबसे छोटा कण है, जो किसी रासायनिक क्रिया में भाग ले सकता है लेकिन स्वतंत्र रूप से नहीं रह सकता है | द्रव, ठोस व गैस सभी पदार्थों का निर्माण परमाणुओं (Atoms) से ही होता है | परमाणु आपस में मिलकर अणुओं (Molecules) का निर्माण करते हैं | तत्व या यौगिक का वह सबसे छोटा कण है, जो स्वतंत्र अवस्था में रह सकता है अणु कहलाता है | परमाणु ग्रीक भाषा का शब्द है जिसका मतलब होता है “जिसे तोडा न जा सके ” , क्योंकि जब परमाणु की खोज हुई थी तब इसे सबसे छोटा कण माना गया था और माना गया था की परमाणु को तोडा नहीं जा सकता अर्थात इसी से सब चीजो का निर्माण हुआ है , यह सबसे छोटी इकाई माना गया। लेकिन बाद में जब इलेक्ट्रान

    तत्वों का आवर्त वर्गीकरण (Periodic classification of elements)

      तत्वों का आवर्त वर्गीकरण (Periodic classification of elements) आवर्ती वर्गीकरण ( Periodic Classification):  किसी मौलिक गुण को आधार बनाकर की गई पदार्थों की ऐसी व्यवस्था जिसमें निश्चित अंतराल के बाद समान गुण वाले पदार्थ पुनः उपस्थित हों, आवर्ती व्यवस्था या आवर्ती वर्गीकरण कहलाती है। तत्वों के वर्गीकरण का मुख्य उद्देश्य समान गुणों वाले तत्वों को एक वर्ग में रखकर रसायनशास्त्र के अध्ययन को सरल, सुविधाजनक, सुस्पष्ट एवं क्रमबद्ध बनाना है। तत्वों के वर्गीकरण का इतिहास:   19वीं शताब्दी में तत्वों के वर्गीकरण के कई प्रयास किये गए जिनमें प्राउट की परिकल्पना, डोबरेनर का त्रिक सिद्धांत, डूमा की सममूलक श्रेणी, न्यूलैण्डस का अष्टक नियम, लोथर-मेयर का परमाणु आयतन तथा परमाणु भार वक्र, मेडलीफ का आवर्त नियम आदि प्रमुख हैं। तत्वों के वर्गीकरण के इन प्रारम्भिक प्रयासों में तत्वों के परमाणु भार (Atomic weight) को वर्गीकरण का आधार बनाया गया। लेकिन  डोबरेनर  का  त्रिक सिद्धांत  कुछ ही तत्वों तक सीमित रहने के कारण विश्वव्यापी मान्यता प्राप्त नहीं कर सका। अतः कुछ समय पश्चात् तत्वों के वर्गीकरण की यह पद्धति त्य

    रासायनिक बंधन क्या होता है ? यहाँ जाने | what is Chemical bond ? Know here

      रासायनिक बंधन (Chemical bond) किसी अणु में परमाणुओं को बांधकर एक साथ रखने वाले बल को रासायनिक बंधन (Chemical bonding) कहते हैं जैसे हाइड्रोजन के दो परमाणु ऑक्सीजन की एक परमाणु के साथ रासायनिक बंध द्वारा जुड़कर जल का निर्माण करता है। रसायनिक बंधन की व्याख्या 1916 में Walther Kossel और Gilbert N. Lewis के द्वारा किया गया। Chemical Bond तीन प्रकार के होते होते हैं 1. विद्युत संयोजक बंध (Electrovalent bond) दो परमाणुओं के मध्य इलेक्ट्रॉन की स्थांतरण से बने बंध को electrovalent bond कहते हैं। यह विद्युत संयोजक बंधन और ऋण आवेश से बने होते हैं, द्रवणांक और क्वथनांक उच्च होता है, विद्युत आकर्षण बल से जुड़े होते हैं, ठोस अवस्था में विद्युत का कुचालक होते हैं विद्युत संयोजक बंध दिशाहीन होते हैं, जल में घुलनशील होते हैं, परंतु कार्बनिक घोल में अघुलनशील होते हैं तथा बहुत ही तेजी से रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेते हैं। 2. सहसंयोजक बंध ( Covalent bond ) ऐसा रसायनिक बंधन जिनका निर्माण दो परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉन के साझेदारी के कारण होता है उन्हें co-valent bond कहते हैं। जब दो परमाणुओं के बीच परम

    रसायन विज्ञान का अर्थ (Meaning of chemistry)

                    रसायन विज्ञान (केमिस्ट्री) विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत पदार्थों के गुण, संघटन, संरचना और उनमें होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता है. केमिस्ट्रीअर्थात रसायन विज्ञान शब्द की उत्पत्ति मिस्र के प्राचीन शब्द कीमिया से हुई जिसका अर्थ है काला रंग. मिश्र के लोग काली मिट्टी को केमी कहते थे और प्रारंभ में रसायन विज्ञान के अध्ययन को केमीटेकिंग कहा जाता था. Lavoisier को रसायन विज्ञान का जनक कहा जाता है

    उत्प्रेरक क्या है? what is Catalyst ?

      उत्प्रेरक क्या है? what is Catalyst ? उत्प्रेरक का अर्थ या परिभाषा: उत्प्रेरक उस पदार्थ को कहते हैं जो किसी रासायनिक क्रिया के वेग को बदल दे, परंतु स्वयं क्रिया के अंत में अपरिवर्तित रहता है, अत: उसे पुन: काम में लाया जा सकता है। अधिकांश क्रियाओं में उत्प्रेरक प्रतिक्रिया की गति को बढ़ा देता है। ऐसे उत्प्रेरकों को धनात्मक उत्प्रेरक कहते है; परंतु कुछ ऐसे भी उत्प्रेरक है जो रासायनिक क्रिया की गति को मंद कर देते हैं। ऐसे उत्प्रेरक ऋणात्मक उत्प्रेरक कहलाते हैं। औद्योगिक रूप से महत्वपूर्ण रसायनों के निर्माण में उत्प्रेरकों की बहुत बड़ी भूमिका है क्योंकि इनके प्रयोग से अभिक्रिया की गति बढ जाती है जिससे अनेक प्रकार से आर्थिक लाभ होता है और उत्पादन तेज होता है। इसलिये उत्प्रेरण के क्षेत्र में अनुसंधान के लिये बहुत सा धन एवं मानव श्रम लगा हुआ है। उत्प्रेरक की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं: क्रिया के अंत में उत्प्रेरक अपरिवर्तित बच रहता है। उसके भौतिक संगठन में चाहे जो परिवर्तन हो जाएँ, परंतु उसके रासायनिक संगठन में कोई अंतर नहीं होता। उत्प्रेरक पदार्थ की केवल थोड़ी मात्रा ही पर्याप्त होती ह

    ऑक्सीकरण एवं अवकरण (Oxidation and degradation)

      ऑक्सीकरण एवं अवकरण (Oxidation and degradation) ऑक्सीकरण ( Oxidation)-  ऑक्सीकरण वह रासायनिक प्रक्रिया है, जिसके फलस्वरूप किसी तत्व या यौगिक में विद्युत् ऋणात्मक परमाणुओं या मूलकों का अनुपात बढ़ जाता है अथवा किसी यौगिक में विद्युत् धनात्मक परमाणुओं या मूलकों का अनुपात कम हो जाता है। उदाहरण- 2Mg + O 2  → 2MgO C + O 2  → CO 2 2H 2  + O 2  → 2H 2 O Cu + Cl 2  → CuCl 2 , H 2  + I 2  → 2HI 2FeCl 2  + Cl 2  → 2FeCl 3 अवकरण ( Reduction):  अवकरण वह रासायनिक प्रक्रिया है, जिसके फलस्वरूप किसी तत्व या यौगिक में विद्युत् धनात्मक परमाणुओं या मूलकों का अनुपात बढ़ जाता है अथवा किसी यौगिक में विद्युत् ऋणात्मक परमाणुओं या मूलकों का अनुपात कम हो जाता है। उदाहरण- Cl 2  + H 2 S → 2HCl + S 2FeCl 3  + 2 FeCl 2  + 2HCl आयनिक सिद्धान्त के आधार पर ऑक्सीकरण एवं अवकरण की परिभाषा ऑक्सीकरण ( Oxidation):   ऑक्सीकरण वह प्रक्रिया है, जिसके फलस्वरूप किसी आयन पर धन आवेश बढ़ जाता है या ऋण आवेश कम हो जाता है। उदाहरण- फेरस क्लोराइड (FeCl 2 ) से फेरिक क्लोराइड (FeCl 3 ) के बनने में फेरस आयन (Fe ++ ) बदलकर फेरिक आयन (Fe ++

    रसायन विज्ञान की महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर (Important Chemistry Questions)

      रसायन विज्ञान की महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर  (Important Chemistry Questions) 1. आतिशबाजी में हरा रंग किसकी उपस्थिति के कारण होता है. उत्तर. बेरियम 2. कौन-सी धातु रोशनी के बल्बों के फिलामेंट के रूप में प्रयुक्त होती है . उत्तर. टंगस्टन 3. सामान्य ट्यूबलाइट (प्र्तिदिप्ती बल्ब ) में ऑर्गन के साथ कौन-सी गैस भरी जाती है . उत्तर. मरकरी वेपर 4. संस्पर्श प्रक्रम में किसको एक उत्प्रेरक के रूप में प्रयोग किया जाता है . उत्तर. वैनेडियम पेंटाक्साइड 5. कृतकनाशी (रोडेंटनाशी) में किसका प्रयोग किया जाता है . उत्तर. जिंक फॉस्फाइड 6. क्लोरीन हैलोजन सदस्य का उपयोग किसके रूप में होता है. उत्तर. कीटाणुनाशक 7. किस विधि द्वारा औद्योगिक पैमाने पर अमोनिया का उत्पादन किया जाता है. उत्तर. हैबर विधि 8. किसने सर्वप्रथम आवर्त सारणी का निर्माण किया. उत्तर. मेंडेलीफ वैज्ञानिक 9. नाभिक से निकलने वाले विकिरणों में किसकी वेधन क्षमता सर्वाधिक होती है. उत्तर. गामा किरणों 10. फोटोग्राफी में किस योगिक प्रयोग किया जाता है. उत्तर. सिल्वर ब्रोमाइड रासायनिक 11. कृत्रिम वर्षा कराने में किसका प्रयोग किया जाता है. उत्तर. सिल्वर आयो